#होठ है सिले हुए न कोई है गुफ्तगू तू जो दूर है ओम साईं राम आदत भार निभाता है मुहब्बत मुझे नहीं कोई जुस्तजू वक़्त किसी ने ईश्वर की ख्वाहिश है कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु वचन नहीं मन काया वचन श्रद्धा समाधि की सीढ़ी जो मांगा है

Hindi जो मांगा वह नहीं है दूर Poems